2 Line Shayari in Hindi on Life

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2 Line Shayari in Hindi on Life

मुझे लगा कि मेरी आंखें चमक उठेंगी,

आंसू किसी की याद के कितने करीब होते हैं !

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मत सोच इतना जिंदगी के बारे में,

जिसने जिंदगी दी है उसने भी कुछ तो सोचा होगा !

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धूप में निकलो घटाओं मैं नहाकर देखो,

जिंदगी क्या है किताबों को हटाकर देखो !

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बदल जाती है जिंदगी की सच्चाई ऊस वक्त,

जब कोई तुम्हारा तुम्हारे सामने तुम्हारा नहीं होता !

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रिश्तों की फिक्र करना छोड़ दो,

जिसे जितना साथ देना हैं वो उतना ही निभाएगा !

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भूखा पेट खाली जेब और झूठा प्रेम,

इंसान को जीवन में बहुत कुछ सिखा जाता है !

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कुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होता,

तुम न होते न सही जिक्र तुम्हारा होता !

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कभी आँखों पे कभी सर पे बिठाए रखना,

जिंदगी नागवार सही दिल से लगाए रखना !

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दूरियां इतनी हो गयी हैं इसका एहसास तब हुआ,

जब मैंने कहा मैं ठीक हूँ और उसने मान लिया !

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इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिंदगी,

हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं !

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जिंदगी में क्यों भरोसा करते हो गैरों पर,

जब चलना है अपने ही पैरों पर !

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अपने ही होते है जो दिल पर वार करते है,

गैरों को क्या खबर दिल किस बात पर दुखता है !

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जो जख्म आप देख न पाएं !

समझना वो जख्म किसी अपने ने ही दिया है।

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जिंदा रहने की अब ये तरकीब निकाली है,

जिंदा होने की खबर सब से छुपा ली है !

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जिन्दगी में गम हैं गम में दर्द हैं,

दर्द में मजा हैं और मैं मजे में हूँ !

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तुझे मेरी फिक्र नहीं मगर सारी दुनिया की फिक्र है,

मुझे बस तेरी फिक्र है और किसी की नही !

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बुरे वो लोग नहीं है जो आपको बुरा कहते है,

बुरा आपका दिमाग है जो उनकी बात मान लेता है !

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थोड़ा सा और बिखर जाऊं मैंने यही ठानी है,

ऐ जिंदगी थोड़ा रुक मैंने अभी हार कहां मानी है !

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आराम से तन्हा कट रही थी तो अच्छी थी,

जिन्दगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी !

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सोचने से कहाँ मिलते हैं तमन्नाओं के शहर,

चलना भी जरुरी है मंजिल को पाने के लिए !

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कभी मिलेगी खुशियां कभी मिलेंगे गम,

हमदर्द की क्या जरूरत अकेले काफी हैं हम !

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एक दिन आपको अकेला ही होना है,

महफिले तो बस दिखावा कर रही है।

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फिसलती ही चली गई एक पल, रुकी भी नहीं,

अब जा के महसूस हुआ रेत के जैसी है जिंदगी !

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पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं,

तुझे ऐ जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं !

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इंसान अच्छा या बुरा नहीं होता,

बस वक्त अच्छा और बुरा होता है !

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ना किसी से ईर्ष्या ना किसी से कोई होड़ !

मेरी अपनी मंजीले मेरी अपनी दौड़ !

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मन से उतार दो उन लोगो को,

जो आपका मन भारी किये रहते है !

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जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों,

यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा !

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ये दुनिया प्यार की सिर्फ बातें करती हैं जनाब,
चलती तो सिर्फ अपने मतलब से हैं !

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जिन्हें नींद नहीं आती उन्हें ही मालूम है,
सुबह होने में कितना वक्त लगता है !

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जिंदगी की जंग में वही जीतता है,
जो हर परिस्थिति में चलना जानता है !

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हर रोज ये जिन्दगी कुछ नए सितम दिखाती है,
सही मायने में यही जिन्दगी को जीना सिखाती है !

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इन्सान के सफर को कई मोड़ देती है,
जब थक जाती है जिंदगी तो छोड़ देती है !

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बेमतलब की ज़िन्दगी का सिलसिला ख़त्म,
अब जिस तरह की दुनिया उस तरह के हम।

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जिंदगी का सफर भी कितना अजीब है,
शामे कटती नहीं और साल गुज़रते चले जा रहे है!

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ज़िन्दगी की हकीकत बस इतनी सी है,
की इंसान पल भर में याद बन जाता है।

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कितने ग़म, कितनी तड़प इसमें है, फिर भी लेकिन,

जिन्दगी चीज ही ऐसी है, ना छोडी जाये।

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जूझती रही, बिखरती रही, टूटती रही,

कुछ इस तरह ज़िन्दगी, निखरती रही।

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मेरी जिंदगी में खुशियां तेरी वजह से है,
आधी तुझे सताने से है, आधी तुझे मनाने से है।

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ज़िन्दगी सिर्फ साँसों का नाम नहीं है,
इसलिए हर सांस लेने वाला जिंदा नहीं होता।

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समंदर ना सही, पर एक नदी तो होनी चाहिए,
आपके शहर में जीवन, कहीं तो होना चाहिए।

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कहाँ- कहाँ समेटूँ तुझे ऐ ज़िंदगी,
जिधर भी देखु तू बस बिखरी पड़ी है।

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मेरे दोस्त इसमें समय लगेगा, लेकिन यह सही होगा।
तुम जो चाहोगे वही होगा।

अपनी ज़िंदगी की तारीफ तब भी करो,
जब वो तुम्हे कुछ ना भी दे रही हो।

ज़िन्दगी में हमे ठोकर लगनी भी ज़रूरी है,
तभी हम सही रास्ते की पहचान करते है।

ज़िन्दगी खुद के दम पर जी जीती,
दूसरो के कन्धों पर सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं।

हम हर दिन उदास होते हैं बस रातें गुजरती हैं,
किसी दिन रात उदास होगी और हम गुज़र जायेंगे।

उम्र छोटी है तो क्या, देखा है ज़िंदगी का हर मंजर,
मैंने नकली मुस्कान देखी है, और मैंने बग़ल में खंजर देखा है।

ज़िन्दगी है सो गुज़र रही है वरना,
हमें गुजरे काफी समय हो गया है।

अनजाने में बहुत कुछ सिखाया जिंदगी के सफर ने,
वो किताबों में दर्ज़ था ही नहीं जो सबक सिखाया जमाने ने।

किसी की किस्मत बुलंद, तो किसी की ख़राब होती है,
ये ज़िन्दगी है साहब, सबका हिसाब रखती है।

जिन्दगी के सफर में, ये बात भी आम रही,
मोड़ तो कई आये, मगर मंजिले गुमनाम रही।

अब तो में ही पत्थर का हो गया ये सोचके
कि मेरी ज़िंदगी तो फूल बनेगी नहीं।

क्या कभी ख़ुशी के पल नसीब नहीं होंगे,
क्या ज़िन्दगी के सभी पल ऐसे ही होंगे।

किसी के लिए दर्द भरी तो किसी के लिए कमाल है,
सही मायनों में जिंदगी का यही मायाजाल है।

किसी का आज है तो किसी का कल होगा,
जिंदगी का सफ़र में हमारा भी मरण होगा।

डूबना नहीं था मुझे ज़िन्दगी की नैय्या में ,
इसलिए मैंने अपने सपनो की नांव तैयार रखी।

ना कोई अपना है यहाँ, ना कोई बेगाना,
ये ज़िन्दगी सच्चाई की सच्ची है, और यही मर जाना।

जिंदगी का सफर मुझे अकेले ही चलना था,
क्यूंकि हर राह मैं अकेले ही लड़ना था।

काश अपनी ज़िन्दगी का दुलारा होता ,
जीत मेरी होती, मामला कोई भी होता।

थकान भरी है जिंदगी, मंज़िल अभी दूर है,
ज़िदगी का ‘सफ़र’ का खेल यही है सुहाना।

मैंने अपने मन को खुद से क्या जीता ,
सारी दुनिया ही मेरी हो गयी।

वो एक रात जला तो उसे चिराग कह गए,
हम बरसों से दे रहे थे उजाला, और हमसे ही खफा हो गए।

जिंदगी से कुछ सीखो दोस्तों बहुत कुछ सिखाती है,
अब जिंदगी में कुछ खास नहीं रहा तो क्या हुआ,
थोड़ा धिरज रख्खो ये अच्छा बुरा हर मोड़ दिखती है।

जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है
कभी हंसी तो कभी जिंदगी रुला देती है
लेकिन जिंदगी खुशियों के आगे सिर झुका देती है।

मौका मिलने पर पलट जाती है बाज़ी,
किसी का बुरा न करो वरना जिंदगी बहुत रंग दिखाती।

बदल जाती है जिंदगी जब ठोकर खानी पड़ती है,
खैरात में कुछ नहीं मिलता, कीमत चुकानी पड़ती है।

जीवन की भूमिका इस तरह निभाएं
पर्दे के बाद भी तालीयाँ बजती रहे।

बोझ मेरे कंधो पर नहीं,
मेरे मन पर था,
तभी तो मैं ज़्यादा दूरी तक,
इस बोझ को लेकर चल नहीं पाया।

 

नादान से दोस्ती कीजिए क्योंकि,
मुसीबत के वक्त कोई भी,
समझदार साथ नहीं देता।

बड़े अजीब सिलसिले है,
किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया,
किसी ने अपना बना कर वक़्त गुज़ार लिया।

ऐ ज़िन्दगी बार बार न रुलाया कर,
हर किसी के पास चुप कराने वाला नहीं होता।

ऐ समंदर अपनी लेहरो को, ज़रा संभल कर रख,
मेरे अपने ही काफी, ज़िन्दगी में तूफ़ान लाने के लिए।

जो आपकी किस्मत में लिखा है, वो भाग कर आयेगा और,
जो किस्मत में नहीं लिखा है, वो आकर भी भाग जायेगा।

ज़िन्दगी में रुकावटे तो सिर्फ, ज़िंदा इंसानो के लिए होती है,
जनाज़े के लिए तो, सब रास्ता छोड़ देते है।

अकेले रह लीजिये लेकिन उनके साथ मत रहिये,
जो आपको महत्व नहीं देते है।

वो तो अपनी एक आदत भी ना बदल सका,
पता नहीं क्यों मैंने उसके लिए,
अपनी ज़िन्दगी बदल डाली।

जिन्दगी के हाथ नहीं होते, लेकिन कभी कभी वो,
ऐसा थप्पड़ मारती है, जो पूरी उम्र याद रहता है।

जिन्दगी को हमेशा मुस्कुरा के गुजारो,
क्योंकि आप नहीं जानते की, यह कितनी बाकी है।

बदल जाती है जिंदगी की हक़ीक़त,
जब तुम मुस्कुराकर कहते हो तुम बहुत प्यारे हो।

स्टेशन जैसी हो गयी है ज़िन्दगी,
जहां लोग तो बहुत ह पर अपना कोई नहीं।

एक ही समानता है जिंदगी और पतंग में,
ऊँचाई में हो तब तक ही वाह-वाह होती हैं।

फिक्र है सब को खुद को सही साबित करने की,​
​जैसे ये जिन्दगी, जिन्दगी नही, कोई इल्जाम है।

 

कभी-कभी हमारे जीवन में बहुत उदासी हो जाती है और हम चाहते है की शायरी के जरिये किसी अपने को अपनी जिंगदी का दर्द बताये। तो आप निचे दी हुए कुछ शायरी ले सकते है।

ज़िन्दगी ये चाहती है कि ख़ुदकुशी कर लूँ,
मैं इस इन्तज़ार में हूँ कि कोई हादसा हो जाए।

इत्तेफ़ाक़ से मिल जाते हो जब तुम राह में कभी,
युँ लगता है करीब से ज़िन्दगी जा रही हो जैसे।

जिंदगी छोटी नहीं होती है जनाब

लोग जीना ही देर से शुरू करते हैं

“मैंने कुछ लोग लगा रखे हैं

‘पीठ पीछे’ बात करने के लिए

तो क्या हुआ जो दोस्त नहीं मिलते हमसे

मिला तो रब भी नहीं हमे, मगर इबादत तो बंद नहीं की.

तू अपने गरीब होने का दावा मत कर ए दोस्त,

हमने देखा है तुझे बाजार से टमाटर लाते हुए।

हवाओं, बादलों में न जाने क्या साजिशाना बात हुई,

मेरा ही घर मिट्टी का था, वहीं सारी बरसात हुई।।

लफ्ज़ों के दांत नहीं होते, पर ये काट लेते हैं

दीवारें  खड़े  किये  बगैर, बांट देते हैं

मुद्दत हो गई है चुप रहते रहते,

कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते

‘पगार’ कुछ नहीं है उनकी

पर काम बड़ी ‘ईमानदारी’ से करते हैं”

यहां हर किसी को दरारों में झांकने की आदत है

दरवाजे खोल दो, कोई पूछने भी नहीं आएगा

मत समझिये कि मैं औरत हूं, नशा है मुझमें

मां भी हूं, बहन भी, बेटी भी, दुआ है मुझमें।

तभी तक पूछे जाओगे, जब तक काम आओगे

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चिरागों के जलते ही, बुझा दी जाती हैं “तीलियां!!

हुस्न है, रंग है, खुशबू है, अदा है मुझमे

मैं मुहब्बत हूँ, इबादत हूँ, वफ़ा है मुझमें।

कितनी आसानी से कहते हो कि क्या है मुझमें

ज़ब्त है, सब्र-सदाक़त है, अना है मुझमें।

मैं फ़क़त जिस्म नहीं हूँ कि फ़ना हो जाऊं

आग है , पानी है, मिटटी है, हवा है मुझमें।

Good Night Shayari

मैं तो जिंदगी का दर्द-ए सितम बयां करता हूं,
लोग इसे ही मेरी शायरी समझ लेते हैं।

अकेले ही गुजर जाया करती है जिंदगी,
लोग तसल्ली तो देते हैं पर साथ नहीं।

शिकायत तो मुझे भी है तुमसे ए-जिंदगी,
पर कहा इसलिए नहीं क्योंकि,
जो दिया तुने वो बहुतों के नसीब में नहीं।

खुली किताब रही है जिंदगी मेरी,
जिसने जैसे चाहा वैसे पढ़ा,
बस पढ़ न पाए वो अल्फाज मेरे दिल के।

अपनी जिंदगी की बस यही कहानी,
कुछ खुद बर्बाद हुए और कुछ उनकी मेहरबानी।

जिंदगी बदलने में कई बार वक्त नहीं लगता,
कभी-कभी वक्त बदलने में जिंदगी गुजर जाती है।

थोड़ा आहिस्ता चल ए-जिंदगी,
अभी मेरे कुछ ख्वाब अधूरे हैं।

सिर्फ चलते रहना जिंदगी नहीं,
आंखों में कुछ नए ख्वाब,
दिल में उम्मीद होना भी जरूरी है।

जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं है मुझे,
पर सुना है सादगी में लोग जीने नहीं देते।

आसान नहीं होती है जीवन की डगर कभी,
इसे आसान बनाना पड़ता है,
कुछ बर्दाश्त करके, कुछ नजर अंदाज करके।

थमती नहीं है जिंदगी यहां किसी के बिना,
पर गुजरती भी नहीं है अपनों के बिना।

ए-जिंदगी आ बैठ कहीं आराम कर ले,
तू भी थक गई होगी मुझे भगाते-भगाते।

मुट्ठी से फिसलती ही चली गई कहीं रुकी ही नहीं,
अब जाकर महसूस हुआ कि रेत जैसी है ये जिंदगी।

बहुत कुछ सिखाती है ये जिंदगी,
कभी हंसाती है, कभी रुलाती है ये जिंदगी,
पर जो हर हाल में खुश रहे
उसी के आगे सिर झुकाती है ये जिंदगी।

बहुत खूबसूरत वो सर्द रातें होती हैं,
जब उनसे दिल की बातें होती हैं।

कुछ पल तुम मेरे साथ रहो
कुछ पल मैं तेरे साथ रहूं,
चार दिन की जिंदगी में न मैं उदास रहूं
न कभी तुम उदास रहो।

मेरी जिंदगी में खुशियां बस तेरे ही बहाने से है,
आधी तुझे सताने और आधी तुझे मनाने से है।

अगर तू इश्क में मुझे भरोसा दे तो,
नाम तेरे मैं अपनी जिंदगी कर दूं,
सारी खुशियां मैं तुझपर कुर्बान कर दूं,

खुदा करे जो मोहब्बत तेरे नाम से है,
सदियां गुजर जाने के बाद भी जवां रहे।

हकीकत नहीं तो ख्वाब बनकर मिला करो,
तुम कभी तो चांदनी रात बनकर मिला करो।

मेरे जज्बात वाकिफ हैं मेरी कलम से,
मोहब्बत लिखता हूं, तो तेरा नाम लिखा जाता है।

खुदा से मांगा था इक तोहफा ए-जिंदगी,
और फिर एकदम से तुम मुझे मिले।

किस-किस से छुपाऊं मैं किस्सा अपनी मोहब्बत का,
मेरी आंखों से लेकर मुस्कुराहट में तुम ही नजर आते हो।

ये कैसा सिलसिला है तेरे मेरे दरमियां,
फासले बहुत हैं पर मुहब्बत काम नहीं होती।

मौजूद हम भी थे तकदीर के दरवाजे पर,
दूसरों ने दौलत चुनी और हमने तुम्हें मांग लिया।
आगे पढ़ें दो लाइन लव शायरी इन हिंदी

मैंने जब भी जाने की इजाजत मांगी,
उन्होंने हां कहकर नजरों से रोक दिया।

आदत नहीं थी पीछे मुड़कर देखने की,
पर जबसे तुमसे मोहब्बत हुई है,
तुझे पलटकर देखना अच्छा लगता है।

सुकून मिलता है जब उनसे मुलाकात होती है,
कभी मेरी तो कभी उनकी बात होती है,
निगाह उठा कर देखते हैं जब वो,
मेरे लिए वो पल ही पूरी कायनात होती है।

आहिस्ता बोलने का उनका वो अंदाज भी गजब था,
कानों तक को खबर न हुई और दिल ने सब समझ लिया।

ख्वाब मेरा भी था संग तेरे जिंदगी जीने का,
तू दूर इतनी चली गई कि ख्वाब मेरा अधूरा रह गया।

आया ही था ख्याल उनका और आंखों से आंसू टपक पड़े,
कितना अजीब रिश्ता है आंसू और उनकी यादों का।

उनका तो काम था दिल लगा के चल देना,
हम नादान थे जो इक शाम की मुलाकात को जिंदगी समझ बैठे।

इक चाहत है तुम्हारे साथ जिंदगी बिताने की,
वरना मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी।

जिंदगी का पहला और आखिरी उसूल सीख लिया हमने,
बेवफा से वफा करने का अंजाम भुगत लिया हमने।

निकले थे हम सुकून की तलाश में बेचने दिल अपना,
खरीददार ऐसा मिला दिल भी ले गया उम्र भर का दर्द भी दे गया।

मोहब्बत तो दिल से की थी मैंने पर दिमाग उसने लगा दिया,
बेवफा वो खुद थे और इल्जाम मुझपर लगा दिया।

वफा की चाहत में कुछ इस तरह रह गए,
वक्त बदला, दुनिया बदली और वो भी बदल गए।

न सोचा था हमने कभी ये कि वक्त ऐसा भी आएगा,
जिन महफिलों में होता था जिक्र बेवफाई का,
उसमें नाम तुम्हारा भी लिया जाएगा।

टूटे हुए कांच की तरह चकनाचूर हो गया हूं,
किसी को चुभ न जाऊं, इसलिए सब से दूर हो गया हूं।

हंसते हुए जख्मों को भुलाने लगे हैं हम,
जमाने के दिए हर इक जख्म को मिटाने लगे हैं हम।

हर वक्त मिलती रहती है इक अनजानी सी सजा,
मैं कैसे पूछूं तकदीर से की मेरी खता क्या है।

उस मोड़ से शुरू करनी है फिर से जिंदगी अपनी,
जिस मोड़ पर सब अपने थे और तुम अजनबी।

बड़ी हिम्मत दी उसकी जुदाई ने मुझे,
आज न किसी को खोने का डर है,
न किसी को पाने की खुशी।

बदल गई है सारी दुनिया बस तुम नहीं बदले,
कल भी दर्द दिया करते थे और आज भी दर्द देते हो।

जो थे कभी दिल के करीब वो अब दुश्मन हो गए,
शहर में चर्चा रहा इतना कि हम मशहूर हो गए।

 

थे जब वो मेरे शहर में तो उनके चर्चे बहुत थे,
अच्छा हुआ चले गए छोड़कर कम्बख्त उनके खर्चे बहुत थे।

तू कहे तो तेरे इक इशारे पर चांद जमीं पर उतार दूं,
प्यार में गर दगा करे जो तू तेरे सारे दांत तोड़ दूं।

उनके इश्क में हम इस कदर चोट खाए हुए हैं,
पहले उनके मोहल्ले वालों ने पीटा,
अब पिटाई के लिए बाप-भाई आए हुए हैं।

दुनिया में लाखों लोग हैं,
कोई हंस कर जीता है,
कोई रोकर जीता है,
लेकिन खुश वही हैं जो,
रोज तुझे थप्पड़ मारकर सोता है।

उन्होंने पलट कर क्या देखा हम फिदा हो गए,
वो हंसे और उनके दांत देख हम नौ दो ग्यारह हो गए।

लोग कहते हैं कि प्यार एक ऐसी बीमारी है जिसकी कोई दवा नहीं,
पर बेवफाई एक ऐसी दवाई है जिससे ये बीमारी होती नहीं।

ए-खुदा शिकायत है मुझे तुझसे एक,
हिचकियों में कुछ तो फर्क किया होता,
अब कैसे पता कौन सी वाली ने,
कौन सी वाली ने कब याद किया होगा।
आगे और भी हैं फनी स्टेटस इन हिंदी 2 लाइन

वो निकलते हैं हमारी गली से,
हम निकलते हैं उनकी गली से,
क्या करें गली एक ही है।

दिल भी ले गए वो,
मेरा चैन भी ले गए वो,
रातों की नींदे तक ले गए वो,
हद तो तब हुई जब वो,
मेरा बटुआ तक उड़ा ले गए वो।

किस-किस के नाम इल्जाम दें हम अपनी बर्बादी का,
उस दिन बहुत लोग आए थे आशीर्वाद देने शादी में।

तोड़ लाऊंगा तारे तुम्हारे लिए,
पलट दूंगा ये दुनिया मैं तुम्हारे लिए,
बस खुदा आप बस इस ठंड में
रजाई से निकलने की ताकत दे दो।

तेरा दिल दरिया है, आंखें समंदर,
कहीं डूब न जाऊं इनमें,
यही ख्याल रहता है हर पल।

न सुधरा जो बचपन में
जो न सुधर पाया इस जमाने से,
वो शख्स जरूर सुधर जाता है,
शादी के बाद बीवी के ताने से।

कल न ‪हम होंगे न कोई गिला होगा,   

सिर्फ ‪सिमटी हुई ‪यादों का ‪सिलसिला होगा,

जो लम्हे है चलो ‪हंसकर बिता लें,

जाने कल ‎जिंदगी का क्या फैसला होगा…      

ऐ जिन्दगी आ बैठ कहीं चाय पीते है,  

तू भी थक गई होगी मुझे भगाते भगाते.     

खबर नहीं मुझे यह जिन्दगी कहाँ ले जाए,
कहीं ठहर के मेरा इंतज़ार मत करना।

फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की, 

जैसे ये ज़िन्दगी, ज़िन्दगी नहीं, कोई इल्जाम हो।

फिसलती ही चली गई, एक  पल, रुकी भी नहीं,                    अब जा के महसूस हुआ, रेत के जैसी है जिंदगी   

जिंदगी में बडी ‎शिद्दत से निभाओ अपना ‪किरदार,                   कि ‪परदा गिरने के बाद भी ‪तालीयाँ बजती रहे….।। 

जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है,                                        कभी हंसती है तो कभी रुलाती है,                                      पर जो हर हाल में खुश रहते है, जिंदगी उनके आगे सर झुकाती है।

ज़िन्दगी आज फिर खफा है हमसे
खैर छोडिये… कहाँ पहेली दफा है

रफ़्तार कुछ इस कदर तेज़ हो गयी है जिन्दगी की
कि सुबह का दर्द शाम को पुराना हो जाता है

जिंदगी में जो चाहो ‪हासिल कर लो,                                    बस इतना ‪ख्याल रखना कि .. आप की ‪मंजिल का रास्ता,       लोगो के ‪दिलों को ‪तोड़ता हुआ न गुजरे..!!        ‎

जिंदगी के किसी भी मोड पर.. ‪अगर हम बुरे लगे……तो दोस्तों…..                                                               जमाने को बताने से पहले… ‪एक बार हमें जरुर बता देना..      

भले ही छूलो आसमां, पर इस जमीं को मत भूल जाना            जी भर के जीलो ‪जिंदगी, पर अपनों को मत भूल जाना

आसमां से फिसल कर जमीं पर ही आना है दोस्तो,                 जी भर के उड़ लो मगर, इस हक़ीकत को मत भूल जाना        

बस यही दो मसले जिंदगी भर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई ना ख्वाब मुकम्मल हुए।

परछाइयाँ रह जाती , रह जाती निशानी है..!!                  ज़िन्दगी और कुछ भी नही तेरी मेरी कहानी है..   

ऐ ज़िन्दगी जा ढूढ़ कोई खो गया है मुझ से
अगर वो ना मिला तो तेरी भी जरुरत नही

कभी मेरे साथ चल के कभी मुझ को साथ लेकर
वो बदल गए अचानक मेरी ज़िन्दगी बदल के

जो गुज़ारी न जा सकी हम से,
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है।
 

कोई सुलह करा दे ज़िन्दगी सेआज बड़ी तलब लगी है मुस्कुराने की                                                          पर सच तो यह है किखुद के सिवा कोई अपना नहीं होता       

इंसान की सोच अगर तंग हो जाती हैं,                                  तो ये खूबसूरत जिन्दगी भी एक जंग हो जाती हैं।       

एक बात हमेशा याद रखना ज़िन्दगी के सारे महंगे सबक अक्सर सस्ते लोग ही सिखाते हैं                                               

सारी जिंदगी रखा है रिश्तों का भरम मैंने,                         लेकिन सच तो यह है कि खुद के सिवा कोई अपना नहीं होता!

जिंदगी ने मुझे एक चीज सिखा दी                                   अपने आप में खुश रहना, और किसी से कोई उम्मीद ना करना!

रिश्तों की फ़िक्र करना छोड़ दिया मैंने,                              जिसे जितना साथ देना हैं, वो उतना ही निभाएगा

जीत किसके लिए, हार किसके लिए,
जिन्दगी भर यह तकरार किसके लिए,
जो भी आया है वो जाऐगा एक दिन,
फिर ये अहंकार किसके लिए?

एक बाजी के सिवा क्या निकली,
ज़िंदगी भी तो इक जुआ निकली।

अदा हुआ न क़र्ज़ और वजूद ख़त्म हो गया,
मैं ज़िंदगी का देते देते सूद ख़त्म हो गया।

ज्यादा ख्वाहिशें तो नही ऐ जिंदगी तुझसे                             बस जिंदगी का अगला लम्हा पिछले से बेहतरीन हो             तुझसे क्या शिकायत करें ऐ जिंदगी…

जो भी है सब तूने ही तो दिया है!                                      बहुत से सवालों के हमे जवाब नही चाहिए

सुकूँ चाहिए जिंदगी का हिसाब नही चाहिए                              ऐ ज़िन्दगी ये तेरी खरोचें हैं मुझपर                                       या यु मुझे तराशने की कोशिश में है     

जिस दिन आपने अपनी ज़िन्दगी को खुलकर जी लिया            वही दिन आपका है,बाकी तो सिर्फ कैलेंडर की तारीखें हैं        एक बन्दे ने पूछा क्या है ज़िन्दगी

दुसरे बंदे ने खूबसूरत जवाब दिया.                                      ना सुख जिंदगीना दुःख जिंदगी

ना गम जिंदगीना ख़ुशी ज़िन्दगी                               अपने-अपने कर्मो का हिसाब है जिंदगी!   

क्या बेचकर हम खरीदे हैं फुर्सत… है जिंदगी…                     सब कुछ तो गिरवी पड़ा है जिम्मेदारी के बाजार में

जिंदगी में यह हुनर भी आजमाना चाहिए                            जंग अगर अपनों से हो तो हार जाना चाहिए!

ज़िंदगी शायद इसी का नाम है,
दूरियाँ, मजबूरियाँ, तन्हाइयाँ।

सबक तो बहुत ‪सिखाये तूने ए ‪जिंदगी, ‪                          शुक्रिया तेरा कि किसी का ‪दिल ‪दुखाना नहीं सिखाया…   

शुक्रिया ज़िन्दगी… अपनों ने भी साथ छोड़ दिया                    पर तू आज भी मेरे साथ है    

मुझे आजमाने के लिए तेरा शुक्रिया ज़िन्दगी,                        मेरी काबिलियत निखरी है तेरी हर आजमाइश के बाद!!  

तेरा लाख शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी….                                        हर राह, हर मोड़ पर साथ निभाया तूने   

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो,
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए।
                 

धूप में निकलो, घटाओं मैं नहाकर देखो,
जिंदगी कितनी हसीन है किताबों को हटाकर देखो।

भूखा पेट, खाली जेब, और झूठा प्रेम
इंसान को जीवन में बहुत कुछ सिखा जाता है!

सुख और दुख हैं, शय और मात..
जीवन एक शतरंज के तख़्ते से ज़्यादा कुछ नही..

मूर्ख गुनाह करके दुनिया से बचना चाहता हैं….
वो नादान ये नहीं समझता,,, सज़ा दुनिया नहीं, “समय” देता हैं….!!

जिंदगी भी… तवायफ की तरह होती है,
कभी मजबूरी में नाचती है… कभी मशहूर मैं…

घड़ी कितनी भी “मूल्यवान” हो किंतु समय को वश में नहीं कर सकती है..
वैसे ही मनुष्य कितना भी बलवान हो नियति को वश में नहीं कर सकता है।

 

सारी जिंदगी रखा है रिश्तों का भरम, मैंने लेकिन सच तो यह है कि
खुद के सिवा कोई अपना नहीं होता!

जिंदगी ने मुझे एक चीज सिखा दी अपने आप में खुश रहना,
और किसी से कोई उम्मीद ना करना!

जीवन की शतरंज खेलते दो लोग हैं,
खिलवाता कोई और ही है..

रिश्तों की फ़िक्र करना छोड़ दो….
जिसे जितना साथ देना हैं, वो उतना ही निभाएगा..!!

क्या बेचकर हम खरीदे हैं फुर्सत… है जिंदगी…
सब कुछ तो गिरवी पड़ा है जिम्मेदारी के बाजार में!

इंसान की सबसे बड़ी ख़ता,
यह हैं की वह “भगवान” से पहले
“इंसान” के सामने “रोता” हैं..

जिंदगी में क्यों भरोसा करते हो गैरो पर, जब चलना है अपने ही पैरों पर!

तुझसे कोई शिकायत नहीं है जिंदगी… जो भी दिया है वही बहुत है!

 

जीवन हमें हमेशा दूसरा मौका जरूर देता है, जिसे कल कहते हैं!

धूप में निकलो, घटाओं मैं नहाकर देखो,
जिंदगी क्या है किताबों को हटाकर देखो!

भावनाये ही तो है जो दूर रहकर भी अपनों की नजदीकियों का..
अहसास कराती है वर्ना दुरी तो दोनों आँखों के बिच भी है…

फल चाहे..कितने ही प्रकार के बाज़ार से ख़रीदकर खा लों,
जिंदगी के..कर्मों का फल तो ईश्वर के हाथ मे है।

जैसे दोड़कर “पर्वत” नहीं चढ़ा जा सकता,
उसी तरह बहुत ज़्यादा जल्दबाज़ी से बड़ी सफलता नहीं पाई जा सकती..!

जिंदगी में यह हुनर भी आजमाना चाहिए
जंग अगर अपनों से हो तो हार जाना चाहिए!!

ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए, मेरे साथ क्या हो रहा हैं,
सोचने के बजाय, “में क्या कर रहा हूँ,” सोचना शुरू कर दीजिए…!!

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